लेखनी प्रतियोगिता -12-Jun-2022

गुजरती रात का घना अंधेरा
सुबह का सूरज छुपा नही पाता
मंज़िल कितनी भी दूर हो 
वक्त उसे मिटा नही पाता 
विश्वास से रास्ते मिलते है
ये वो मुक़ाबला है जीवन का 
जो गुजरते हर लम्हे को 
सोने की चमक दे जाता है
भीनी भीनी मेहनत की ख़ुशबू
इरादों की तपिश दे कर 
सपनो की उची उड़ान दे जाता है 

मुक़ाबला अक्सर तन मन का 
शब्द और भाषा का 
अपनो और सपनो का 
बहाव के विपरीत तैरने का
आलोचना को दरकीनर कर
सफलता का शिखर छूने का 
निदक के शब्द बाण अक्सर
सफलता की राह का बाधक
आँखो की धुँधलाहट
और मन की कमजोरी का कारण बन जाता है 
अक्सर सुना है मैंने 
जब मुक़ाबला निदक़ और 
हमारे आत्मविश्वास का हो 
तो दिल को मज़बूत करके 
इस जीवन के संघर्ष में 
उतरना पड़ता है और 
रीत और मन के विश्वास
के बीच होते संघर्ष में 
खुद को मज़बूत किए 
चुनौतियों को पार करते हुए
हर क़दम जीत की तरफ़ रखना पड़ता है 
उस जीत की तरफ़ जो सुकून है
जो दिल की तमन्ना का क़िस्सा
आसमान में उड़ता परिंदा
और रिवाजों की बेड़ियाँ तोड़
रस्मों के बाँधो को लाँघे
बह जाता है भावनाओं के सागर की तरह 
और अंत में मुक़ाबला जीवन का हो या समाज में बदलाव का 
मन का सूरज जीत की किरण लिए उग जाता है और चेहरे पर सुकून भरी मुस्कुराहट दे कर 


तमन्ना

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11 Comments

नंदिता राय

14-Jun-2022 06:49 PM

बेहतरीन

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Kaushalya Rani

13-Jun-2022 04:19 PM

Nice👌

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Punam verma

13-Jun-2022 02:57 PM

Nice

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